अनंत चतुर्दशी 2023: तिथि, समय, पूजा विधि और महत्व ||अनंत चतुर्दशी: भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का पावन पर्व

 

• अनंत चतुर्दशी 2023








अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करते हैं और उन्हें अनंत सूत्र पहनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अनंत सूत्र पहनने से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों को दूर होता है और उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


• अनंत चतुर्दशी 2023 की तिथि और समय


2023 में, अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी।


• तिथि: भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी

• दिन: गुरुवार

• तिथि प्रारंभ: 27 सितंबर, 2023, रात 10:18 बजे

• तिथि समाप्त: 28 सितंबर, 2023, शाम 6:49 बजे


• अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि


अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर, भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाएं। चौकी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर भी रखें। फिर, भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में भगवान विष्णु को फूल, बेलपत्र, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। पूजा के बाद, भगवान विष्णु को अनंत सूत्र पहनाएं।


• अनंत चतुर्दशी का महत्व


अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन, भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को अनंत माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से व्यक्ति को सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


• अनंत चतुर्दशी से जुड़ी कथा


अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक कथा है। एक बार भगवान विष्णु के भक्त महाराज बलि ने भगवान विष्णु से उनकी तीसरी पत्नी माता लक्ष्मी को वापस मांग लिया। भगवान विष्णु ने महाराज बलि से कहा कि वे उन्हें तीन वर मांगने के लिए कहें। महाराज बलि ने कहा कि वे चाहते हैं कि भगवान विष्णु उनके महल में आकर रहें। भगवान विष्णु ने उनकी इच्छा स्वीकार कर ली।


कुछ समय बाद भगवान विष्णु ने महाराज बलि से कहा कि वे अब स्वर्ग वापस जाना चाहते हैं। महाराज बलि ने भगवान विष्णु को जाने से मना किया। तब भगवान विष्णु ने महाराज बलि से कहा कि वे अपना वामन रूप धारण करके उनकी एक पगल भूमि मांगेंगे। महाराज बलि ने भगवान विष्णु को एक पगल भूमि देने की स्वीकृति दे दी।


भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण करके महाराज बलि से एक पगल भूमि मांगी। महाराज बलि ने उन्हें एक पगल भूमि दे दी। भगवान विष्णु ने अपने पहले पग से तीनों लोकों को नाप लिया। महाराज बलि ने कहा कि उनके पास भगवान विष्णु को दूसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं है। तब भगवान विष्णु ने महाराज बलि के सिर पर अपना दूसरा पग रख दिया।


भगवान विष्णु की कृपा से महाराज बलि को स्वर्ग प्राप्त हुआ। भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को महाराज बलि को वापस कर दिया और स्वयं स्वर्ग वापस चले गए।


• अनंत चतुर्दशी के दिन कुछ विशेष बातें


अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को अधिक पुण्य प्राप्त होता है।

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

अनंत चतुर्दशी के दिन जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।

 


• अनंत चतुर्दशी की शुभकामनाएं


अनंत चतुर्दशी के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से आप सभी को सुख-समृद्धि और खुशहाली प्राप्त हो।




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tazza Avalokan

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