अल्मोड़ा का इतिहास || History of almora ||

 अल्मोड़ा, उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जिसका संबंध महाभारत काल से रहा है। यहां की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्यता और ऐतिहासिक महत्व ने लोगों का आकर्षण बनाए रखा है। आइए, अल्मोड़ा के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को एक हिंदी ब्लॉग के माध्यम से जानते है ।




अल्मोड़ा के प्राचीन इतिहास

महाभारत काल: अल्मोड़ा का ऐतिहासिक संबंध महाभारत काल से माना जाता है। अनुसार, यहां पांडवों ने अपनी वनवास के दौरान वन में विचाराणी की थी। इसके साथ ही, अल्मोड़ा को केदारखण्ड के नाम से भी जाना जाता था।


कुमाऊं राजवंश: इसके बाद कुमाऊं राजवंश ने यहां पर अपना शासन स्थापित किया। उन्होंने अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाया और यहां के प्रशासकीय कार्यों की देखरेख की।


ब्रिटिश साम्राज्य: 1815 में ब्रिटिश साम्राज्य ने अल्मोड़ा को अपने अधीन कर लिया। यह एक महत्वपूर्ण हिल स्टेशन बन गया और ब्रिटिश अधिकारी यहां अपनी गर्मियों की छुट्टियों का आनंद लेते थे।


अल्मोड़ा के संग्रहालय और ऐतिहासिक स्थल :


गोविंद वल्लभ पंत संग्रहालय: यह संग्रहालय अल्मोड़ा के महान नेता गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर स्थापित है और यहां प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विकास की जानकारी मिलती है।

कटारमल सूर्य मंदिर : यह मन्दिर भारतवर्ष का प्राचीनतम सूर्य मन्दिर है। इसका निर्माण कत्यूरी राजवंश के तत्कालीन शासक कटारमल के द्वारा छठीं से नवीं शताब्दी में हुआ था।


नंदा देवी मंदिर: यह मंदिर कुमाऊं राजवंश के समय से ही महत्वपूर्ण है और यहां पर्वतीय देवी नंदा की पूजा की जाती है।


कसार देवी : यह स्थल धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है।


चितई ग्वेल देवता : चितई ग्वेल देवता को स्थानीय लोग द्वारा पर्वतीय देवता के रूप में पूजा जाता है।


ब्रिटिश साम्राज्य का साम्राज्यभवन: यह इमारत ब्रिटिश समय के बाद का एक प्रमुख आकर्षण है और यहां से आपको अल्मोड़ा के ऐतिहासिक पारंपरिकता का अनुभव होता है।


अल्मोड़ा की स्थानीय संस्कृति

अल्मोड़ा की स्थानीय संस्कृति उत्तराखंड की पारंपरिक धारोहर को प्रकट करती है। यहां के लोग अपने पारंपरिक गाने-नृत्य, फेस्टिवल और जीवनशैली को बचाए रखने में विशेष रूप से लगे रहते हैं।


निष्कर्ष :

इस प्रकार, अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जिसमें महाभारत काल से लेकर आधुनिक काल तक के ऐतिहासिक घटनाक्रम छिपे हैं। यहां के संग्रहालय, मंदिर और ऐतिहासिक इमारतें इसकी धरोहर को प्रस्तुत करती हैं और स्थानीय संस्कृति इसे और भी रमणीय बनाती है।

tazza Avalokan

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