अगर आप अपने स्कूल में 2 अक्टूबर पर भाषण की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए यहां पर 2 से 3 मिनट का गांधी जयंती पर भाषण मौजूद हैं।
गांधी जयंती पर भाषण|2 अक्टूबर पर हिन्दी में भाषण
सर्वप्रथम श्वेत कमल पर विराजमान मां शारदे को मेरा शत शत नमन, यहां पर उपस्थित आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय , सम्मानित प्रधानाचार्य व शिक्षकगण, अभिभावक एवं मेरे प्यारे भाई व बहनों। जैसा कि आप सभी को ज्ञात है । आज हम यहां भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर चलकर भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराया।
महात्मा गांधी ने भारत में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें शामिल हैं:
असहयोग आंदोलन
सविनय अवज्ञा आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन
इन आंदोलनों के माध्यम से, उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए भारतीय लोगों को संगठित किया।
महात्मा गांधी एक महान नेता, योद्धा और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें शामिल हैं:
उन्होंने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों को दुनिया भर में फैलाया।
उन्होंने भारत में सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए काम किया।
उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
महात्मा गांधी के विचार और शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। वे हमें सिखाते हैं कि अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर हम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
आज के दिन, हम महात्मा गांधी को उनके महान योगदान के लिए याद करते हैं। हम उनके विचारों और शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेते हैं।
धन्यवाद।
गांधी जयंती पर भाषण|2 अक्टूबर पर हिन्दी में भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य,शिक्षकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे दोस्तों,
आज हम यहां महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर उपस्थित हुए हैं। महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता, एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक कुशल राजनीतिज्ञ और एक आदर्श समाज सुधारक थे। उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराया।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लंदन जाकर कानून की पढ़ाई की। लंदन से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वे भारत लौट आए और वकालत करने लगे।
महात्मा गांधी ने 1900 में दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने वहां अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर भारतीयों के अधिकारों को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की।
1915 में महात्मा गांधी भारत लौट आए और उन्होंने भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर ब्रिटिश सरकार से भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया।
महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी प्राप्त की। महात्मा गांधी ने आजादी के बाद भी भारत की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष किया।
महात्मा गांधी एक महान विचारक और दार्शनिक भी थे। उन्होंने सत्य, अहिंसा, प्रेम और भाईचारे के सिद्धांतों पर अपना जीवन व्यतीत किया। उन्होंने अपने सिद्धांतों से पूरी दुनिया को प्रेरित किया।
महात्मा गांधी का जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने हमें अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने का मार्ग दिखाया। उनके आदर्शों पर चलकर हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
जय हिंद जय भारत
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