डोल आश्रम अल्मोड़ा, उत्तराखंड में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र है। यह आश्रम अपनी शांतिपूर्ण वातावरण और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। डोल आश्रम में विश्व का सबसे बड़ा और भारी श्रीयंत्र स्थापित है।
डोल आश्रम की स्थापना 1991 में श्री परमयोगी कल्याणदास जी द्वारा की गई थी। श्री परमयोगी कल्याणदास जी एक महान आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय ध्यान और योग में बिताया। श्री परमयोगी कल्याणदास जी की इच्छा थी कि वह लोगों को आध्यात्मिकता की शिक्षा दें और उनकी मदद करें ताकि वे अपने जीवन में शांति और खुशी पा सकें।
डोल आश्रम में कई आध्यात्मिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन गतिविधियों में ध्यान, योग, प्राणायाम, कीर्तन और प्रवचन शामिल हैं। आश्रम में एक संस्कृत स्कूल भी है, जहां छात्रों को संस्कृत भाषा और हिंदू धर्म की शिक्षा दी जाती है।
डोल आश्रम सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है। यह आश्रम एक ऐसा स्थान है जहां लोग आध्यात्मिकता के बारे में जान सकते हैं और अपने जीवन में शांति और खुशी पा सकते हैं।
🔻डोल आश्रम जाने का सबसे अच्छा समय :
डोल आश्रम जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के महीनों के दौरान है। इन महीनों के दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप आसानी से आध्यात्मिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
🔻डोल आश्रम कैसे पहुंचे :
डोल आश्रम का निकटतम बस स्टेशन अल्मोड़ा में है, जो लगभग 40 किमी दूर है। अल्मोड़ा से डोल आश्रम के लिए टैक्सी या बस मिल सकती है। डोल आश्रम का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में है, जो लगभग 250 किमी दूर है। देहरादून से डोल आश्रम के लिए टैक्सी या बस मिल सकती है।
🔻डोल आश्रम में कहां ठहरें:
डोल आश्रम में कई गेस्टहाउस और धर्मशालाएं हैं, जहां आप ठहर सकते हैं। आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार कोई भी गेस्टहाउस या धर्मशाला चुन सकते हैं।
🔻डोल आश्रम में कहां खाएं:
डोल आश्रम के मार्ग में कई भोजनालय हैं जो शाकाहारी और सात्विक भोजन परोसते हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी भोजनालय चुन सकते हैं।
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