उत्तराखंड की ऐपण कला || aipen arts of uttarakhand

उत्तराखंड में ऐपण कला एक लोकप्रिय लोक कला है। यह एक तरह की आंकिक चित्रकला है जो सफेद आटे या चावल के आटे तथा गेरु से बनाई जाती है।वर्तमान समय में सफेद तथा लाल पेंट का उपयोग भी करते है । ऐपण कला का उपयोग घरों, मंदिरों, और अन्य स्थानों को सजाने के लिए किया जाता है।


ऐपण कला की उत्पत्ति कुमाऊँ क्षेत्र में हुई थी। यह कला प्राचीन काल से उत्तराखंड में प्रचलित है। ऐपण कला में विभिन्न प्रकार के ज्यामितीय और पुष्प रूपांकनों का उपयोग किया जाता है। इन रूपांकनों का प्रतीकात्मक महत्व होता है।


🔻ऐपण कला की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:


• यह एक आंकिक चित्रकला है।

• यह सफेद आटे या चावल के आटे से बनाई जाती है।

• इसका उपयोग घरों, मंदिरों, और अन्य स्थानों को सजाने के लिए किया जाता है।

• यह कुमाऊँ क्षेत्र की एक लोकप्रिय लोक कला है।


🔻उत्तराखंड में ऐपण कला के कुछ प्रसिद्ध प्रकार निम्नलिखित हैं:


• गणेश ऐपण: यह ऐपण भगवान गणेश की आकृति को दर्शाता है।

• लक्ष्मी ऐपण: यह ऐपण देवी लक्ष्मी की आकृति को दर्शाता है।

• फूल ऐपण: यह ऐपण फूलों के रूपांकनों को दर्शाता है।

• ज्यामितीय ऐपण: यह ऐपण ज्यामितीय रूपांकनों को दर्शाता है।


🔻उत्तराखंड में ऐपण कला का महत्व निम्नलिखित है:


• यह एक लोकप्रिय लोक कला है जो उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती है।

• यह एक रचनात्मक अभिव्यक्ति का रूप है।

• यह घरों और मंदिरों को सजाने के लिए एक सुंदर तरीका है।


• उत्तराखंड में ऐपण कला को जीवित रखने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में ऐपण कला के प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, और प्रतियोगिताएं शामिल हैं।



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tazza Avalokan

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